स्त्री की सुंदरता में तब चार चांद लग जाते हैं, जब वह श्रृंगार करने 
के साथ ही माथे पर बिंदी भी लगाती है। बिंदी को श्रृंगार का एक आवश्यक अंग 
माना गया है। इसी वजह से महिलाएं और लड़कियां बिंदी लगाती हैं।
आमतौर पर बिंदी को लेकर यही मान्यता है कि यह स्त्रियों के सुहाग की निशानी है। वृद्धजन और विद्वान अक्सर कहते हैं कि बिंदी के बिना स्त्रियों का माथा शोभा नहीं देता है। इन्हीं मान्यताओं के चलते बिंदी लगाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है।
इस परंपरा के पीछे कुछ और भी कारण हैं। यहां दिए गए फोटो में जानिए बिंदी लगाने की परंपरा से जुड़ी वैज्ञानिक और तार्किक बातें...
आमतौर पर बिंदी को लेकर यही मान्यता है कि यह स्त्रियों के सुहाग की निशानी है। वृद्धजन और विद्वान अक्सर कहते हैं कि बिंदी के बिना स्त्रियों का माथा शोभा नहीं देता है। इन्हीं मान्यताओं के चलते बिंदी लगाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है।
इस परंपरा के पीछे कुछ और भी कारण हैं। यहां दिए गए फोटो में जानिए बिंदी लगाने की परंपरा से जुड़ी वैज्ञानिक और तार्किक बातें...

 





